Friday, 4 October 2013



 TUM AAPNE RANG MEEN RANG DE HAI MAA DURGE

JAI MATA DI

तुम अपने रंग में रंग लो
हे मा दुरगे हे मा दुरगे
तुम अपने रंग में रंग लो
हे मा दुरगे हे मा दुरगे
हे मा दुरगे हे मा दुरगे
तुम अपने रंग में रंग लो
हे मा दुरगे हे मा दुरगे

जो दुराचारी थे मा उनका
वध तूने किया मा सदा है
आस्त्रा शास्त्रो से है तू सिशोभित
मा तू ही तो बाल प्रदा है
तेरे ही चर्नो मेइनिन है तीनो लोको का संगम
तेरी भक्ति ही सतया है सब मिथ्या है
सब मिथ्या है

तुम अपने रंग में रंग लो - 2
हे मा दुरगे हे मा दुरगे
हे मा दुरगे हे मा दुरगे
तुम अपने रंग में रंग लो - 2

मा तेरे दम से है ये जीवन
शुख का आधार सबका ही तू है
इस धरती से उस अंबार तक
जो भी श्रीनगर है वो भी तू है
रंग रंगीले रंगो से मा रंग दे जीवन सबका
मानव ही तेरी सबसे उत्तम रचना
उत्तम रचना

तुम अपने रंग में रंग लो - 2
हे मा दुरगे हे मा दुरगे
हे मा दुरगे हे मा दुरगे
तुम अपने रंग में रंग लो
हे मा दुरगे हे मा दुरगे

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