GANESH MAHARAJ KI JAI
वक्रतुंडा महकाया
, सूर्यकोटि समप्रभा !
निर्विघ्नं कुरु में देवा , सर्व करेशु सर्वदा !!
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर कौन
स्वामी तुमसे बढ़कर कौन
और तुम्हारे भक्तजनों में हमसे बढ़कर कौन
हमसे बढ़कर कौन
अद्भुत रूप ये काया भारी महिमा बड़ी है दर्शन की
प्रभु महिमा बड़ी है दर्शन की
बिन मांगे पूरी हो जाए जो भी इच्छा हो मन की
प्रभु जो भी इच्छा हो मन की
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर.....
छोटी सी आशा लाया हूँ छोटे से मन में दाता
इस छोटे से मन में दाता
माँगने सब आते हैं पहले सच्चा भक्त ही है पाता
सच्चा भक्त ही है पाता
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर.....
भक्तों की इस भीड़ में ऐसे बगुला भगत भी मिलते हैं
हाँ बगुला भगत भी मिलते हैं
भेस बदल कर के भक्तों का जो भगवान को छलते हैं
अरे जो भगवान को छलते हैं
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर.....
एक डाल के फूलों का भी अलग-अलग है भाग्य रहा
प्रभु अलग अलग है भाग्य रहा
दिल में रखना दर उसका मत भूल विधाता जाग रहा
मत भूल विधाता जाग रहा
देवा हो देवा गणपति देवा तुमसे बढ़कर.....
जय गणेश जय गणेश
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