हर देश में तू , हर वेश में तू
तेरे नाम अनख किन्तु एक ही है !!
सागर से उठा बदल बनके
बदल से गिरा जल हो कर के
फिऱ नहर बना नदिया लहरी
तेरे बिन्न प्रकार किंन्तु एक ही है !!हर !!
चींटी से भी अनु परमाणु बना
सब जीव जगत का रूप लिया
शुक्रिया कहे कुछ और कहे
बस मई और तू सब एक है
यहाँ दिव्या दिखाया है जिसने
वह है गुरुदेवठि पुण्य दया
शुक्रिया कहे कुछ और कहे
बस मई और तू सब एक ही है
तेरे नाम अनख किन्तु एक ही है !!
सागर से उठा बदल बनके
बदल से गिरा जल हो कर के
फिऱ नहर बना नदिया लहरी
तेरे बिन्न प्रकार किंन्तु एक ही है !!हर !!
चींटी से भी अनु परमाणु बना
सब जीव जगत का रूप लिया
शुक्रिया कहे कुछ और कहे
बस मई और तू सब एक है
यहाँ दिव्या दिखाया है जिसने
वह है गुरुदेवठि पुण्य दया
शुक्रिया कहे कुछ और कहे
बस मई और तू सब एक ही है
THIS IS INCORRECT LYRICS , PLS DONT CHANGE THE SONG.....
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