Wednesday, 2 October 2013

OM JAI JAGADISH HARE

         OM JAI JAGADISH  HARE                         
                   


                          ऊँ जय जगदीश हारे


ऊँ जय जगदीश हारे, स्वामी जाय जगदीश हारे
 भक्तजनो के संकट, क्षान में दूर करे              !!   ऊँ   ज़य जगदीश हारे !!

जो ध्यवे फल पावे, दुख विनशे मान का
 सुख संपाति घर आवे, कष्ट माइट तन का      !!  ऊँ जाय जगदीश हारे !!

 मात-पिता तुम मेरे, शरण गाहून किसकी
 तुम बिन और ना दूजा, आस करूँ जिसकी       !! ऊँ जाय जगदीश हारे!!

 तुम पूरण परमात्मा, तुम  अंतर्यामी
 पर-ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी             !!  ऊँ जय जगदीश हारे!!

 तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता 
में मूरख खाल कामी, ,  कृपा करो भरता            !!ऊँ जे जगदीश हारे!!

 तुम हो एक अगोचर, सबके प्राण पति
 किस विधि मिलूं दायमय, तुमको में कुमति      !!ऊँ जय जगदीश हारे!!

  दीनबन्धु दुख हरता, तुम ठाकुर मेरे 
अपने हाथ बदाओ,  द्वार पडा तेरे                      !! ऊँ जय जगदीश हारे!!

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देव
 श्रधा भक्ति बढाओ, संतान की सेवा                  !! ऊँ ज़य जगदीश हारे!!

तन मन धन, सब है तेरा 
तेरा तुझको अर्पण, क्या लगे मेरा                       !!ऊँ जय जगदीश हारे!!

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